मेरी कंपनी ने मुझे कई बार कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जिन्हें मैं बेवकूफ और बेतुका मानता हूँ। ये बातें मेरे लिए न सिर्फ हास्यास्पद हैं, बल्कि उनकी नाकाफी जानकारी और अज्ञानता का प्रमाण भी हैं।
इसमें पहली चीज़ कुछ साल पहले की एक ग़लत निर्णय थी, जिसमें कंपनी ने हमें कह दिया था कि हमें ऑफिस में लॉन्चरबॉक्स चाहिए। शुरू सुनकर यही लगा कि कंपनी ने कूदने का मन बिठा लिया है। मज़ाकिया रूप से सोचा गया कि ये तो अब हवा में उड़ान भरेगा या ऑफिस में उड़ान भरेगा। इसे अस्थायी कार्यकारी फिर्म की ऊंचाई की दिखावटी चीज़ माना जा सकता है। कोई इस शरारत को पूरे मन और समय के साथ लिया, तो कुछ लोगों ने तो इसे बहुत ही अज्ञान निर्णय माना है।
दूसरी बात, कंपनी ने एक बार मुझसे पूछा था कि क्या आप इसे ज्यादा तेज़ी से कर सकते हैं? छोटा सा सवाल था, लेकिन जब उससे बाहर निकलकर देखा गया तो यह वास्तव में एक हथकड़ी थी। क्या कंपनी को समय और प्रोजेक्ट विपरीत मापदंडों के बारे में कोई ध्यान नहीं है? क्या वो सोचते हैं कि हम निर्णीत समय से पहले काम पूरा कर देंगे और वो भी उच्च गुणवत्ता में? ये तो छोटी सी चुनौती थी जो हमारी सोच और रणनीति पर प्रश्न उठा देती है।
तीसरी चीज, कंपनी के मैनेजमेंट ने एक बार कयामत खड़ी कर दी जब उन्होंने कहा कि हमें रोजगार की अच्छी विचारधारा लेकर आए हैं। आप कोई ऐसी ताकती चीज़ें बांधेंगे और फिर विचारधारा लेगें?! बहुत ही अजीब और मुद्दे में लावारिस निर्णय है। ये वास्तव में किस तरह का व्यक्ति उच्च न्याय का आदान-प्रदान करेगा? क्या ये अच्छी विचारधारा का संकल्प और मान्यता को कमज़ोर नहीं करेगा? इसमें तो उन्होंने सोच की पाठशाला वाली कहानी में से कुछ नहीं सिखाया।
इन तरह की अज्ञानतापूर्ण बातें सोचते हैं और कहते हैं सिर्फ और सिर्फ मेरी कंपनी ही हो सकती है। मैं यहां सभी आपसे यही कहना चाहूँगा कि कंपनियों को ध्यानदार रहना चाहिए और अपने कर्मचारियों में मदरस्सता और व्यावहारिकता बढ़ाने के लिए उद्योग को अपनी वोटिंग पहलूओं को सुधारने की ज़रूरत है। एक सुगम और अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए इतना ज़रूरी है। समय और धन खोने के बजाय सही दिशा में अपुर्य है।